अनूपपुर । कोरोना काल में सब्जी मंडी का विस्तार करने हेतु थोक मंडी का स्थान परिवर्तित किया गया था। और थोक सब्जी मंडी को गल्ला मंडी में स्थापित कर दिया गया। लेकिन फुटकर सब्जी में आज भी सुविधा एवं संसाधन के अभाव में पूर्व के स्थान में संचालित हो रही है। जिसमें सब्जी विक्रेता सहित ग्राहक मंडी की अव्यवस्था से आहत हैं तथा फुटकर सब्जी विक्रेता सब्जी विक्रय करने के लिए तमाम व्यवस्था स्वयं करते हैं। इसके साथ ही धूप व बारिश से बचने के लिए स्वयं का त्रिपाल लगाते हैं। जिसके परिणामस्वरूप आवागमन बाधित होता है। एवं सब्जी जमीन में रखकर विक्रय करने से धूल एवं बारिश के बाद पैरों के कीचड़ के छीटे सब्जी में पड़ते हैं। जिससे बिमारी बढ़ने का खतरा बना रहता है। और ऐसी अव्यवस्था कायम रखने के पीछे नगरपालिका प्रशासक उत्तरदायी है। क्योंकि फुटकर सब्जी मंडी के बैठकी की वसूली नगरपालिका द्वारा ली जाती है। अब चूंकि नगरपालिका प्रशासक बैठकी वसूली के लिए बकायदा निवदा आमंत्रण करती है तथा निवदाएं भरी जाती हैं। जिसके बाद सब्जी मंडी विक्रयकर्ताओं से बैठकी वसूली की जाती है। लेकिन नगरपालिका प्रशासक द्वारा फुटकर सब्जी विक्रेताओं को किसी भी प्रकार की व्यवस्थाएं नही दी जा रही हैं। आखिरकार बैठकी वसूली की राशि नगरपालिका प्रशासक कहां उपयोग करती है, यह समझ से परे है। क्योंकि सब्जी विक्रयदाता नगरपालिका प्रशासक के शिथिलता के वजह से पानी छाया एवं सब्जी विक्रय होने के बाद बची हुई सब्जी रखने की व्यवस्था नही करा पा रहे हैं। ऐसी अव्यवस्थाओं के बीच फुटकर सब्जी मंडी संचालित हो रहा है जिसके परिणामस्वरूप मंडी की यातायात व्यवस्था पूर्णतः बाधित रहती है। इसके अतिरिक्त सप्ताह के हर बुधवार को आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों से सब्जी क्रय एवं विक्रयकर्ता फुटकर सब्जी मंडी में आते हैं। लेकिन अव्यवस्थाओं के बीच फुटकर सब्जी मंडी संचालित होने से हर बुधवार को स्थानीय रहवासी एवं दुकान संचालक का आवामगन बाधित होने से कभी भी कोई अप्रिय घटना घटित हो सकती है। I
