जिले में एक ऐसा यज्ञ के लोगों के लिए बना विषय का चर्चा यज्ञ के दर्शन करने आते हैं भक्त
अविनाश दुबे
छत्तीसगढ़ मनेद्रगढ़ जिले जनकपुर क्षेत्र सीतामढ़ी में शनिवार से नौतपा महायज्ञ शुरू हुआ है. ये आयोजन 3 जून तक चलता रहेगा. अंतिम दिन महा भंडारे का आयोजन किया गया है. सीतामढ़ी में वनवास काल में भगवान श्रीराम, माता सीता और लक्ष्मण यहां ठहरे थे.मनेंन्द्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर: जनकपुर विकासखण्ड भरतपुर के ग्राम पंचायत घघरा के सीतामढ़ी धाम को राम शाखा आश्रम के नाम से जाना जाता है. यहां कुंडी नौतपा महायज्ञ और श्रीमद देवी पुराण भागवत कथा, श्री राम नाम अखंड संकीर्तन संत सम्मेलन शनिवार से शुरू हुआ. ये आयोजन 3 जून तक चलेगा.
नौतपा महायज्ञ की हुई शुरुआत: दरअसल, पिछले तीन साल से सीतामढ़ी धाम में नौतपा महायज्ञ किया जा रहा है. इस साल सीतामढ़ी धाम में देवी पुराण, भागवत कथा और श्री राम अखंड संकीर्तन 151 कुंडी महायज्ञ 25 मई से 3 जून तक के लिए आयोजित किया गया है. भगवान श्री राम वन गमन मार्ग 71 श्री सीतामढ़ी धाम रामसखा आश्रम घघरा जनकपुर में तीन साल से ये आयोजन किया जा रहा है. इस साल भी बड़े धूमधाम से 151 कुंडी नौतपा महायज्ञ, श्रीमद् देवी पुराण भागवत कथा, श्रीराम नाम अखंड संकीर्तन, संत सम्मेलन किया गया है.
अंतिम दिन भंडारे का आयोजन: श्री बाल ब्रह्मचारी श्री रामचंद्र शरण जी महाराज महंत ने सभी से महायज्ञ में शामिल होने का आग्रह किया. स्थानीय लोगों को शामिल होने का आमंत्रण भी दिया गया. 3 जून को आयोजन के अंतिम दिन यहां भंडारे का आयोजन किया जाएगा.वनवास काल में यहां ठहरे थे राम: दरअसल, जनकपुर मुख्यालय से लगभग 20 किलोमीटर कोटाडोल मार्ग को सीतामढ़ी कहा जाता है. स्थानीय लोगों का मानना है कि वनवास काल में भगवान श्रीराम सीतामढ़ी धाम घाघरा में एक रात गुजारे थे. यहां उन्होंने विश्राम किया था. इसी समय श्रीराम ने यहां शिवलिंग की स्थापना भी की थी. यही कारण है कि इस स्थान को सीतामढ़ी के नाम से जाना जाता है.
