आज़ादी के हुए 76 साल और एक ही वार्ड पार्षद और वार्ड पार्षद की पत्नी के कुल चार पंच वर्षीय कार्यकाल, मगर आज भी विकास से कोसों दूर लामीगोड़ा, शासन प्रशासन पर उठ रहे बड़े सवाल

आज़ादी के हुए 76 साल और एक ही वार्ड पार्षद और वार्ड पार्षद की पत्नी के कुल चार पंच वर्षीय कार्यकाल, मगर आज भी विकास से कोसों दूर लामीगोड़ा, शासन प्रशासन पर उठ रहे बड़े सवाल?

अविनाश दुबे

लोगों ने सुनाई अपनी आपबीती, ना पानी ना बिजली ना सड़क ना पुलिया ना ही शिक्षा, नज़ारे सिर्फ बदहाली से भरे क्यों? यहां के पार्षद देख रहे महापौर की कुर्सी के सपने: सुत्र*चिरमिरी। आज़ादी के 76 सालों बाद भी जिला एमसीबी के नगर पालिक निगम चिरमिरी के वार्ड क्रमांक 01 में आज़ादी से भी पहले निवास करने वाले ग्रामीणों को आज तक मूलभूत सुविधाओं के नाम पर सिर्फ और सिर्फ आश्वासन दिया गया, वो तमाम आश्वासन और खोखले वादे जो गांव वालों के बताने के अनुसार अब बेबुनियादी ही समझ में आते हैं, हालांकि यहां के लोगों ने बताया कि हर एक चुनाव के दौरान विभिन्न राजनैतिक दलों के जनता प्रतिनिधि इन लोगों तक वोटों के नाम पर अपनी झोली फैलाने इनके सामने आ खड़े होते हैं, मगर जैसे ही चुनाव बीत जाता है, सारे नेता मंत्री अपने किए वादों को तो भूल ही जाते हैं मगर उन्हें अगर कुछ याद रहता है तो वो सिर्फ इन लोगों के और ऐसे दुर्गम क्षेत्रों में विकास के नाम पर आवंटित हुए कार्यों के आढ़ में मोटी रकम, जिससे तमाम जनता प्रतिनिधि और शासन प्रशासन के गैरज़िम्मेदार अधिकारी अपनी जेबों में भरना, क्या इसमें कोई सत्यता नहीं है? वार्ड क्रमांक 01 की धरातल से जुड़ी असलियत वहां जा कर ही देखी जा सकती है। वहां मौजूद लोगों ने बताया कि नगर पालिक निगम चिरमिरी के नेता प्रतिपक्ष एवं वार्ड क्रमांक 01 के जो वर्तमान पार्षद हैं, उनके हाथों कुल तीन पंच वर्षीय कार्यकाल आया और एक पंच वर्षीय कार्यकाल उनकी धर्मपत्नी को मिला, इन बीस सालों में वार्ड क्रमांक 01 की प्रगति हुई या दुर्गति हुई, इसकी सच्चाई वहां के लोगों ने बताई, वहां के ग्रामीण अपने पार्षद से हताश, शासन प्रशासन से निराश, नेताओं मंत्रियों से दुखित और अब सब पर क्रोधित हो चुके हैं, इन लोगों ने मीडियाकर्मियों से बताया कि इनकी तकलीफों और बदहाली की सुध लेने वाला अब कोई नज़र नहीं आता है। नगर पालिक निगम चिरमिरी के वार्ड क्रमांक 01 में जहां नज़र दौड़ाई जाए हर तरफ सिर बदहाली नज़र आती है, जहां वार्ड के कुछ हिस्सों में कार्य हुए भी तो नाम भर के वो भी अपना अस्तित्व इस वार्ड के साथ खोने लगे हैं, मगर वहीं दूसरी तरफ़ जनता प्रतिनिधि ने अपनी ऊंची बिल्डिंग ठोक ली और अपने कार्यकाल में कमाए पूरे दाम भर। यहां के लोगों ने बताया कि आज भी लामीगोड़ा के कई इलाकों में ना बिजली है ना पानी की कोई व्यवस्था ना स्वास्थ्य सुविधाएं ना ही सड़क ना ही पुलिया, चाहे भीषण गर्मी का समय हो या पूरे साल, यहां की औरतों और लोगों को पीने के पानी के लिए मीलों दूर पैदल चलना पड़ता है, पास ही पड़े हैंडपंप से घंटों बाद भी पानी नहीं मिलता, यहां के नन्हे बच्चों को शिक्षा ग्रहण करने के लिएथ की किलोमीटर दूर गांव जाना पड़ता है, रास्ते में बड़ा सा नदी नाला और रेल्वे लाईन की पटरियां भी पड़ती हैं, वहां के लोगों ने बड़ी ही भावुकता एवं उदासीनता भरे स्वर में अपनी आपबीती सुनाते हुए जानकारी दी कि बरसात के समय बड़े से नदी नाले के भर जाने की वजह से बच्चे बरसात के मौसम में नाले को पार ना कर पाने की वजह से ना ही स्कूल तक जा पाते हैं ना ही शिक्षा ग्रहण कर पाते हैं, और तो और ज़्यादातर समय यहां के लोगों को गंदे पानी का सेवन करना पड़ता है जिससे कि यहां के लोगों को आमतौर पर खुजली जैसी शारिरिक समस्याओं से जूझना पड़ता है, वहीं यदि इलाके में किसी स्थानीय निवासी की तबियत खराब होती है या कोई दुर्गम घटना होती है तो यहां के लोगों के सामने पूरे साल भर और सबसे ज़्यादा तो बरसात के मौसम में ये बड़ी सी नदी एक बड़ी ही रूकावट के रूप में सामने आ जाती है, मरीजों को खाट में लेटा कर नदी और फिर रेलवे ट्रैक को पार करते हुए मुख्य मार्ग तक जाना पड़ता है तब कहीं यहां के लोगों को गाड़ी का साधन मिल पाता है मगर इन लोगों तक एम्बुलेंस पहुंचने का कोई साधन ही नहीं, समस्याओं की दास्तान यहीं खत्म नहीं होती, यहां के लोगों ने बताया कि यदि किसी तरह नदी को पार कर भी लिया तब रेलवे ट्रैक के चालू लाईन से गुज़रते वक्त बड़ी दुर्घटना भी होने की आशंकाएं हैं, और पहले भी इसी तरह कई दुर्घटनाएं भी हुई हैं और लोगों ने अपनी जानें भी गंवाई हैं, जिसकी ज़िम्मेदारी यदि शासन प्रशासन ना ले तो फिर इन सभी दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं की ज़िम्मेदारी कौन लेगा? यहां की औरतों ने बताया कि यहां के पार्षद जो वर्तमान में नगर पालिक निगम चिरमिरी के नेता प्रतिपक्ष भी हैं जिन्हें देखे हुए मानों अरसे बीत गए हों, जो कभी भूले भटके उनके आस पास के क्षेत्रों में चुनावी मौसमों में चुनावी प्रचार प्रसार और वोटों के लिए लोगों से गुहार लगाने आ पहुंचते हैं मगर इनकी समस्याओं को सुनने के लिए वार्ड क्रमांक 01 के पार्षद के पास ना समय है और उनके रवैए को देख कर ऐसा प्रतीत होता है मानों उनको अपने वार्ड के दुर्गम इलाकों से कोई मतलब ही नहीं, जिनकी कार्यशैली पर अब तमाम सवाल इसलिए भी खड़े हो रहें हैं क्योंकि विशेष सुत्रों से मिली जानकारी अनुसार वार्ड क्रमांक 01 के पार्षद की धर्म पत्नी के हाथों एक पंच वर्षीय कार्यकाल आया था और नगर पालिक निगम चिरमिरी के नेता प्रतिपक्ष जिनके हाथों तीन पंच वर्षीय कार्यकाल आया मगर बीस सालों में वार्ड की स्थिति बद से बद्तर होती गई और अब वार्ड क्रमांक 01 के पार्षद नगर पालिक निगम चिरमिरी के महापौर चुनाव की गंभीरता से रूचि ले रहे हैं, या तो यूं कहें कि पार्षद की कुर्सी से अपना मोह हटा कर अब सीधे महापौर की कुर्सी के सपने सजाने में मग्न मुग्ध हो चुके हैं? इस पर सबसे महत्वपूर्ण और बड़ा सवाल उनके पूरे कार्यकाल को देखते हुए यह खड़ा हो रहा है कि जिनके हाथों मात्र एक वार्ड का उद्धार ना हो सका वो भला पूरे चिरमिरी शहर का भला आखिर कैसे करेंगे? और क्या चिरमिरी शहर की जनता के लिए उनकी काबिलियत को आंकने के लिए नगर पालिक निगम चिरमिरी का वार्ड क्रमांक 01 ही पर्याप्त नहीं है? लामीगोड़ा क्षेत्र के ग्रामीणों ने बताया कि इस नगरीय निकाय चुनाव में विकास का ऐसा बदहाल सा मंज़र देख कर ये किसी भी राजनैतिक दलों को वोट डालने की मंशा अब नहीं रखते हैं, इनके अनुसार यहां के पार्षद नेता मंत्री शासन प्रशासन सबने मिल कर इन लोगों को केवल छला है और गुमराह भी किया, मगर विकास की बड़ी बड़ी गाथा सुनाने वाले नेताओं ने यहां के लिए क्या कार्य किए वो तो इन लोगों के बीच पहुंच कर ही देखा जा सकता है, मगर अब तक इन लोगों को बदहाली में ही जीना पड़ रहा है, अब खबरों के प्रकाशन के बाद ज़िम्मेदार अधिकारियों एवं जनता प्रतिनिधियों की क्या प्रतिक्रिया होगी ये तो अब आगे देखने वाली बात है?

Apni Khabar24x7
Author: Apni Khabar24x7

Leave a Comment

और पढ़ें

Buzz Open / Ai Website / Ai Tool