ग्राम पंचायत में पदस्थ रोजगार सहायकों का कब होगा तबादला
*अनूपपुर जिल के बदरा जमुना -:* मध्य प्रदेश के सभी जिलों में ग्राम रोजगार सहायकों का स्थानांतरण किया जा रहा है। मगर जिला अनूपपुर अभी तक ग्राम रोजगार सहायकों का स्थानांतरण करने में असफल रहा है। जबकि इन रोजगार सहायकों द्वारा हितग्राही मूलक शासन की समस्त योजनाओं को प्रभावित कर रहे हैं। क्योंकि यह रोजगार सहायक जहां यह पदस्थ हैं। उसी ग्राम पंचायत के स्थाई निवासी हैं। यह ग्राम पंचायत के हर व्यक्ति से जातीय तौर पर जुड़े हुए हैं क्योंकि यह यही के निवासी होने के कारण इनकी लोगों से दोस्ती भी है,और दुश्मनी भी है, जिसके कारण सीधे-साधे लोगों के कार्यों पर इसका असर पड़ता है। यह रोजगार सहायक अखंड भ्रष्टाचार में डूबे हुए हैं, तो यह कई चापलूस और अंगरक्षक भी पाल कर रखे हैं। जिसके कारण ग्राम पंचायत के आदिवासी कमजोर दबे कुछ ले लोग शोषित वंचित लोग शासन के समस्त योजनाओं का लाभ नहीं उठा पाते हैं। जिसके कारण आज भी एक बड़ा समूह शासन की योजना से वंचित है। ग्राम पंचायत में शासन द्वारा लागू समस्त योजनाओं का लाभ सिर्फ कुछ लोगों को ही मिल पा रहा है। ग्राम पंचायत में कुछ ऐसे भी परिवार हैं। जो डर के बावजूद इन रोजगार सहायकों तक पहुंच ही नहीं पाते हैं, इतना ही नहीं इनके द्वारा शासन का लाभ उन्हीं को पहुंचाया जाता है। जिसे यह डरते हैं, या सबल लोग जो ग्राम पंचायत में निवासरत हैं। उन्हीं को शासन की योजनाओं का लाभ मिलता है। ग्राम पंचायत के समस्त कारों को यह प्रभावित करते हैं। क्योंकि यह भी मानव है। इनके अंदर भी एक लाभ और बदला लेने वाला राक्षस बैठा है। यह कोई देवता नहीं है। कि यह सभी लोगों को समान दृष्टि से देखें या इनके अंदर कोई विकार नहीं है। ये भी हाड़ मांस का बना एक मानव है जिसके अंदर भी गुण दोष हैं।
मनरेगा की बात ही क्या करें जिस योजना को भली भाती ग्रामीणों के हित में फलीभूत करना था। उसी में यह पलीता लगा रहे हैं, एक तरफ शासन इस योजना को इतना हाईटेक कर दिया कि मजदूर मिलते ही नहीं है। मनरेगा कार्य को करने के लिए मजदूरी का भुगतान भी समय पर नहीं हो पता है। सबसे बड़ी बात तो यह है, कि इसमें सबसे बड़ा दोष यह है। कि कभी सर्वर डाउन है, तो मजदूर की हाजिरी ही नहीं लगती है। और किसी तरह से हाजिरी लग भी जाती है। तो भुगतान का मूल्यांकन भी कम होता है अगर सब ठीक है, तो रोजगार सहायकों द्वारा उलट फेर कर दिया जाता है। यह किसी का भी जॉब कार्ड रद्द कर देते हैं, या बना देते हैं। जिसके कारण काफी लोग कार्य करने से वंचित रह जाते हैं। जिस भी पंचायत में रोजगार सहायक बी० एल०ओ० हैं। वहां पर किसी भी व्यक्ति का मतदाता सूची से नाम काट देते हैं, जिसे चाहते हैं, जोड़ देते हैं।सभी कार्यों को प्रभावित करने में लगे हुए हैं।
पी०एम० आवास का भी बड़ा बुरा हाल है। यह किसी को भी आवास आवंटित कर सकते हैं, या काट सकते हैं। इस योजना में भी हितग्राहियों से मोटी रकम लेकर लाभ दिया जा रहा है। ऐसा सुनने में भी आता है। कि रोजगार सहायक हिसग्रही मूलक कार्यों में भी भेदभाव करते हैं। एक तरह से यह कहना गलत नहीं होगा कि जब से रोजगार सहायकों की नियुक्ति हुई है, सचिव शासन के कार्य से बेपरवाह हो गये है। इस तरह जब से ग्राम पंचायत में मोबिलाइज की भर्ती हुई है। रोजगार सहायक फ्री हो गए हैं, शासन चाहे जितनी नियुक्तियां ग्राम पंचायत में कर दे आम आदमी पहले की तरह आज भी परेशान है। यह सभी अण्ठ भ्रष्टाचार में लिप्त हैं, इसलिए दबंग लोगों से डरते हैं। और गरीब मजदूर वर्ग के लोगों का कार्य नहीं हो पता है।
शासन एवं प्रशासन से अनुरोध है, कि पूरे जिले में उनके स्थानांतरण का कार्य किया जाए जिस तरह से सचिवों का ग्राम से स्थानांतरण किया गया था।
