ढोलक बजाते में जनकपुर मंदिर में पहुंचा जातें हैं भालुओ का परिवार पूजा के समय हर दिन प्रसाद खाने पहुँचता है

तमुडा यंत्र की ध्वनि बजाते ही जनकपुर मंदिर में पहुंचा जातें हैं भालुओं का परिवार पूजा के समय हर दिन प्रसाद खाने पहुँंचता है

 

अविनाश दुबे

छत्तीसगढ़ मनेंन्द्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर जनकपुर मुख्यालय से लगभग 15 किलोमीटर दूर राजा मांडा में एक ऐसा मंदिर है जहाँ भालुओं का परिवार पूजा के समय हर दिन प्रसाद खाने पहुँचता है यह भालू जंगल से पूजा के समय पहुँच जाते है जब इन भालुओं को मंदिर के साधु के द्वारा तमुड़ा जब बजने की आवाज सुनाई देती है तब ये भालू मंदिर की ओर खिंचे चले आते है यह क्षेत्र भगवानपुर के आश्रित गांव उचेहरा में स्थित है बताया जाता है कि इस झलक को देखने के लिये प्रतिदिन यह सैकड़ो लोगो की भीड़ लगती है लेकिन ये भालुओ का परिवार प्रसाद खाने में इतना मग्न रहता है कि इनको केवल मंदिर के पुजारी और प्रसाद के अलावा इन्हें किसी से कोई मतलब नहीं रहता ये भालू इतने प्रसाद खाने में मग्न हो जाते है और पुजारी के द्वारा इन्हें प्रसाद दिया जाता है इसके बाद ये भालू वापस जंगल की ओर चल जाता है और अभी तक इन भालुओ के द्वारा किसी को भी नुकसान नही पहुचाया गया है

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Author: Apni Khabar24x7

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