रक्षाबंधन पर्व पर सूनी रहा गई नेत्रहीन विद्यालय भाइयों की कलाइयां
अविनाश दुबे
छत्तीसगढ़ मनेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर के जिले मनेंद्रगढ़ क्षेत्र में रक्षाबंधन पर्व का त्यौहार मनाया गया लेकिन नेत्रहीन विद्यालय में अध्यनरत छात्रों की कलाइयां सनी रह गई छात्र पूरे दिन देखते रह गए नेत्रहीन विद्यालय परिसर पर बैठे रह गए भाई बहन की असीम इसमें के इस पर्व पर कोई उन्हें राखी बांधने पहुंचेगा लेकिन छात्रों की आज तब निराशा में तब्दील हो गई जब शहर और आसपास क्षेत्र से कोई भी छात्रों को राखी बांधने के लिए संस्था में नहीं पहुंचा बता दें कि पिछले करीब 27 वर्षों से जिले का एकमात्र दृष्टिहीनो हैं के लिए संचालित विघालय संस्था आमाखेरवा इलाके में स्थित है जहां वर्तमान में 80 छात्र विद्यालय में अध्यनरत हैं संभवत ऐसा पहली बार हुआ होगा जब रक्षाबंधन पर पर अध्यनरत छात्रों की कलाइयां सनी रह गई पिछले वर्ष विधानसभा चुनाव होने से प्रशासन द्वारा मजबूत लोकतंत्र के लिए सभी की भागीदारी सुनिश्चित करते प्रशासन की ओर से स्वीप कार्यक्रम आयोजित किया जा रहे थे जिसके तहत तत्काली मनेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर जिले के कलेक्टर नरेंद्र दुग्गा तीन महिला अधिकारियों जिसमें चिरमिरी नगर निगम आयुक्त महेंद्रगढ़ एसडीएम एक ऑन महिला अधिकारी के साथ रक्षाबंधन मनाने नेत्रहीन विद्यालय पहुंचे थे स्वीप कार्यक्रम के तहत भारतीय तिरंगे से संजी मनमोहक राखियां महिला अधिकारीयों द्वारा छात्रों की कलाइयां पर बांधी गई थी हर्षोल्लास के साथ मनाया गया था लेकिन इस वर्ष रक्षाबंधन पर्व पर न ही प्रशासन और न ही कोई समाजसेवी संस्था नेत्रहीन विद्यालय पर रक्षाबंधन पर्व मनाने संस्था में पहुंचे
नेत्रहीन विद्यालय में 27 साल में ऐसा पहली बार हुआ – प्राचार्य नेत्रहीन विद्यालय के प्राचार्य संतोष कुमार चढ़ोकार मिडिया से बात करते ने कहा कि जिले का एकमात्र दृष्टिहीनों के लिए संचालित संस्था है त्योहार पर दो दराज के बच्चे अपने घर नहीं जा सके उन्होंने कहा कि भाई बहन के पावन पर पर रक्षाबंधन पर यहां अध्यनरत छात्रों को नगर वासियों का आशीर्वाद प्राप्त होता तो उनकी कलाइयां कभी सुनी नहीं रहती लेकिन विद्यालय में 27 साल में ऐसा पहली बार हुआ जिससे हम सभी काफी निराश हुए
