नवजात के मामले में नया खुलासा, निलंबित नर्स प्रीति प्रजापति ने आशा कार्यकर्ता को बताया दोषी निष्पक्ष जांच की उठाई मांग
छतरपुर जिले के ईशानगर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में हुई नवजात की मौत मामले में निलंबित नर्स ने अपना पक्ष रखते हुए पूरे मामले में नया खुलासा किया है।
गौरतलब है कि ईशानगर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में दो दिन पहले एक आदिवासी महिला का प्रसव कराने के नाम पर नर्स प्रीति प्रजापति द्वारा 2 हजार की रिश्वत मांगे जाने का मामला सामने आया था जिसमे प्रसव न कराए जाने और शौचालय में प्रसव होने पर नवजात की मौत की खबर के बाद नर्स को निलंबित कर दिया गया था।
अब इस मामले में नर्स प्रीति प्रजापति ने अपने निलंबन को गलत बताते हुए आशा कार्यकर्ता सुनीता तिवारी को दोषी बताया है।प्रीति का कहना है कि महिला की कोई पुरानी हिस्ट्री नहीं थी और न ही जांच के कागजात,महिला को प्रसव का महीना भी याद नहीं था और प्रसव का समय भी पूरा नहीं हुआ था। गंभीर स्थिति होने के चलते महिला को डॉक्टर की अनुशंसा पर जिला अस्पताल रेफर किया गया था लेकिन आशा कार्यकर्ता सुनीता तिवारी ने महिला और परिजनों को भड़का कर यहीं प्रसव कराने की बात कही और क्षेत्रीय विधायक को भी गलत सूचना से अवगत कराया जिसकी वजह से एक मासूम की असमय मृत्यु हो गई।
प्रीति का कहना है कि इस पूरे मामले में वह निर्दोष है जबकि उसे निलंबित कर दिया गया है।मामले की पूरी निष्पक्ष जांच होने पर स्थिति स्पष्ट हो जायेगी
