तेंदूपत्ता संग्राहक मजदूर 2 वर्ष से भटक रहे हैं बोनस पाने के लिए,
मुख्यमंत्री की घोषणा का नहीं हुआ कोई असर
अनिल गुप्ता की रिपोर्ट कोतमा
अनूपपुर / कोतमा- पिछले 2 साल से तेंदूपत्ता संग्राहक मजदूर बोनस पाने के लिए दरबदर भटक रहे हैं जिसको लेकर मजदूरों ने मुख्यमंत्री के नाम पत्र भेज कर अवगत कराया है कि एक तरफ पेसा एक्ट के तहत ग्राम सभा को वनोउपज की बिक्री का अधिकार दिए जाने का प्रचार प्रसार किया जा रहा है , इस एक्ट के आने के बाद जनजाति वर्ग को सशक्त बनाए जाने की बात कही जा रही है वहीं दूसरी तरफ आदिवासी बाहुल्य जिला अनूपपुर के आठ तेंदूपत्ता संग्राहक समिति के मजदूरों को आज तक 2 वर्ष का तेंदूपत्ता बोनस नहीं मिला है जबकि मुख्यमंत्री मध्य प्रदेश के डॉक्टर मोहन यादव ने 22 अगस्त 2024 को शयोपुर जिला के आदिवासी विकासखंड के मुख्यालय कराहल में 36 लाख तेंदूपत्ता संग्रहण कर्ताओं को सौगात दिया गया था, मुख्यमंत्री मोहन यादव ने प्रदेश स्तरीय कार्यक्रम से तेंदूपत्ता संग्रहण मजदूरों को वर्ष 2023 के तेंदूपत्ता संग्रहण के लाभांश का 115 करोड रुपए तेंदूपत्ता संग्रहण समितियो के खाते में अंतरण अपने कर कमलो द्वारा किया गया, किंतु मध्य प्रदेश लघु वनोपज भोपाल की लापरवाही के कारण 2 वर्ष बीत जाने के बाद भी आदिवासी बाहुल्य जिला अनूपपुर केआठ तेंदूपत्ता संग्रहण समितियां के मजदूरों का बोनस भुगतान नहीं हो सका है दलित आदिवासी मजदूर तेंदूपत्ता संग्रहण ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि जल्द से जल्द बोनस का भुगतान कराया जाए मजदूर में मुख्य रूप से बरनू चर्मकार लली कोल उमा बैगा तारावती चर्मकार मनवाती बैगा मनोज बैगा, समुदाय कोल आदि।
