मामला कोल इंडिया कंपनी का, नीलकंठ कंपनी द्वारा नियमों को दरकिनार कर, किया जा रहा कोयला एवं ओ. बी. का उत्पादन
अनूपपुर : कोतमा – कोल इंडिया की सह कंपनी एसईसीएल जमुना कोतमा क्षेत्र के आमाडाड़ ओसीपी में नीलकंठ कंपनी द्वारा कोयला एवं ओ.बी. उत्पादन का ठेका लिया गया है जो कि कोल इंडिया कंपनी के नियमों को दरकिनार कर कोयला एवं ओ.बी. का उत्पादन किया जा रहा है जिसको लेकर कोयला मजदूर सभा द्वारा कई बार जमुना कोतमा क्षेत्र के महाप्रबंधक को पत्र देकर 29 सूत्रीय मांगों को लेकर आंदोलन भी किया गया किंतु ठोस कार्रवाई के अभाव में आज तक नीलकंठ कंपनी के विरुद्ध कार्यवाही न होने के कारण कोयला मजदूरों का शोषण लगातार किया जा रहा है साथ ही कोल इंडिया की कंपनी एसईसीएल जमुना कोतमा क्षेत्र के आमाडाड़ ओसीपी प्रबंधन को भी चूना लगाया जा रहा है कोयला मजदूर सभा के नेता श्रीकांत शुक्ला ने पत्र के माध्यम से शिकायत दर्ज कराई गई थी, कि नीलकंठ कंपनी के द्वारा कोयला श्रमिकों का सादे कागज में सुपरवाईजर द्वारा नाम लिखकर कुछ कर्मचारियों का हस्ताक्षर कराकर एम.टी. के. ऑफिस में देकर फार्म डी में उपस्थिति दर्ज करवाई जा रही है, जबकि फार्म डी में उपस्थित इन और आउट करवाने के लिए संबंधित कर्मचारियों को खुद उपस्थित होना चाहिए, जो की आमाडाड़ ओसीपी में नहीं हो रहा है, कुछ श्रमिकों को तो हाजिरी भी नहीं लगती और ना ही उनका कोई रिकॉर्ड प्रस्तुत है,नीलकंठ कंपनी के सभी कर्मचारियों का फॉर्म ए भरा जाए जिसमें कि कर्मचारियों का पूरा विवरण उपलब्ध रहे, वही ठेकेदारी मजदूरों का व्हीटीसी, पी एम ई करवाया जाए, साथ ही पीएफ काटा जाए एवं पीएफ की कॉपी मजदूरों को उपलब्ध करवाया जाए, मजदूरों का परिचय पत्र बनवाया जाए जिसमें व्हीटीसी पी एम ई फॉर्म ए नंबर एवं पीएफ नंबर दर्शाया जाए,सभी मजदूरों को वेतन पर्ची दिलाया जाए, कोयला मजदूरों एवं उनके आश्रित परिवारों का मेडिकल कार्ड बनवाया जाए एवं कालरी हॉस्पिटल में दवाई करवाई जाए उसका पैसा ठेकेदार नीलकंठ कंपनी के बिल से काटा जाए, नीलकंठ कंपनी द्वारा ठेका श्रमिकों को हाई पावर कमेटी की सिफारिश के अनुसार भुगतान नहीं दिया जा रहा है जबकि हाई पावर कमेटी की सिफारिश के अनुसार नीलकंठ कंपनी के मजदूरों का एचपीसी रेट 90% कर्मचारियों को नहीं दिया जा रहा है,जबकि एस ई सी एल कंपनी से एचपीसी के रेट से नीलकंठ कंपनी भुगतान ले रहा है जिससे कि ठेकेदारी कोयला मजदूरों का लगभग 1 करोड़ 30 लाख रुपए हर महीने मजदूरी कम दी जा रही है, जिससे कि मजदूरों का शोषण कर शासन के आंख में धूल झोंका जा रहा है और कोल इंडिया कंपनी के मजदूरी का खुला उल्लंघन किया जा रहा है।
नीलकंठ कंपनी के द्वारा कोयला एवं ओबी उत्पादन किया जा रहा है वह नियमों को ताक में रखकर किया जा रहा है प्रबंधन से मांग की गई है कि नियमों की अनदेखी पर रोक लगाते हुए कंपनी के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाए।
