आवारा पशुओं का आतंक: बुजुर्ग घायल, नगर पालिका बेपरवाह
अपनी खबर 24 × 7 न्यूज से प्रेम अग्रवाल अनूपपुर
जिला मुख्यालय अनूपपुर में आवारा पशुओं का आतंक दिनों-दिन बढ़ता जा रहा है। बाजार और मुख्य सड़कों पर खुलेआम घूमते ये मवेशी न केवल राहगीरों के लिए खतरा बन गए हैं, बल्कि आए दिन चोटिल होने की घटनाएं भी सामने आ रही हैं। ताजा मामला रविवार सुबह करीब 11 बजे दुर्गा मडिया रोड का है, जहां वार्ड क्रमांक 4 के पास एक नटवा (सांड) ने पीछे से हमला कर दिया।
इस हमले में संतलाल नामदेव (उम्र 75 वर्ष) और भाई जी मिश्रा गंभीर रूप से घायल हो गए। दोनों को घुटनों, पसलियों और सिर पर चोट आई, जिनका इलाज जिला अस्पताल में कराया गया। यह घटना कोई पहली नहीं है — शहर में रोजाना ऐसे ही हादसे हो रहे हैं, लेकिन नगर पालिका प्रशासन इस दिशा में अब तक ठोस कदम नहीं उठा पाया है।
स्थानीय नागरिकों ने कई बार समाचार पत्रों और मौखिक शिकायतों के माध्यम से प्रशासन से गुहार लगाई कि आवारा पशुओं को कांजी हाउस में बंद कर, उनके मालिकों पर जुर्माना लगाया जाए या कठोर कार्रवाई की जाए। परंतु अब तक केवल आश्वासन ही मिले हैं, कार्रवाई नहीं।
क्या कहता है कानून?
मध्यप्रदेश पशु क्रूरता निवारण अधिनियम व नगर निगम अधिनियम के अंतर्गत पशुओं को सार्वजनिक स्थानों पर छोड़ना दंडनीय अपराध है। नगर पालिका को अधिकार है कि वह पशु मालिकों पर जुर्माना लगाए, पशु जब्त करे और उन्हें कांजी हाउस में रखे। बावजूद इसके, प्रशासन की निष्क्रियता लोगों की जान जोखिम में डाल रही है।
नगरवासियों का कहना है कि जब तक किसी बड़े हादसे में किसी की जान नहीं जाएगी, शायद तब तक जिम्मेदारों की नींद नहीं खुलेगी। आम नागरिकों की मांग है कि सख्त नियमों के तहत नगर पालिका तत्काल कार्रवाई करे, ताकि बाजार में आने-जाने वाले लोगों, विशेषकर बुजुर्गों और बच्चों को सुरक्षा मिल सके।
