संभाग में एक मात्र रेलवे ब्रिज 100 साल बाद भी है सुरक्षित

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एमसीबी जिले के मनेंद्रगढ़ में स्थित हसदेव ब्रिज ब्रिटिश समय में बना एशिया का एकमात्र ईंट से बना ब्रिज है यह पुल ईंट के बने 8 पीलर पर भी टिका हुआ है और आज भी पुरी तरह सुरक्षित है। जानकर इसे राष्ट्रीय धरोहर घोषित करने की मांग कर रहे है। इस पुल का निर्माण ब्रिटिश शासन में 1925 में शुरू हुआ था और 1928 में पूर्ण रूप से बनकर तैयार हो गया था। पुल ब्रिटिश शासन के दौरान बनाया गया था हसदेव ब्रिज अपनी अनोखी वास्तुकला के लिए जाना जाता है। एशिया का एकमात्र ईंट से बना पुल है। इस पुल का निर्माण चिरमिरी और झगराखांड में कोयले के बहुत बड़ा भंडार को परिवाहन करने के लिए बनवाया गया था, जिससे कोयले को आसानी से ले जाया जा सके। हसदेव ब्रिज मनेंद्रगढ़ और चिरमिरी को जोड़ने वाला एक महत्वपूर्ण पुल है, जो क्षेत्र के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता यदि इस पुल को राष्ट्रीय धरोहर घोषित किया जाता है, तो इससे क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा मिल सकता है। राष्ट्रीय धरोहर घोषित होने से पुल का संरक्षण सुनिश्चित हो जाएगा जिससे इसकी ऐतिहासिक महत्व बरकरार रहेगी

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Author: Apni Khabar24x7

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