थाना प्रभारी की मेहरबानी बेखौफ होता अवैध कोयले का कारोबार, बारूदी विस्फोट कर नाले से कोयले का अवैध खनन
जिला ब्यूरो नागेंद्र कुमार की रिपोर्ट अनूपपुर
प्राकृतिक नाला को कर रहे छलनी, जेसीबी का हो रहा उपयोग
अनूपपुर। बिजुरी नगर कोयला खदानों की नगरी मानी जाती है, जहां एसइसीएल की कई खदानों से रोजाना हजारों टन कोयला का उत्पादन किया जा रहा है। बावजूद अब यहां मझौली-पिपरिया मार्ग स्थित नाले पर कुछ बाहरी कोयला माफियाओं की नजर जम गई है, जो कानून से बेखौफ शाम होते ही विस्फोटकों का इस्तेमाल करते हुए जेसीबी से कोयले की निकासी कर रहे हैं। साथ ही कोयला का ढेर न लगे सुबह सुबह आसपास के ईंट भ_ों तक उसे पहुंचा खपत कर रहे हैं। माना जा रहा है कि यहां कोई इंदौर और जबलपुर के कोयला खनन माफिया अपने सार्र्गिदों जो स्थानीय बुढार नगर क्षेत्र से जुड़े हैं, एवं गांव के सरपंच स्थानीय बिजुरी पुलिस की हिस्सेदारी के साथ मिलकर कोयला का अवैध उत्खनन कर रहे हैं। बताया जाता है कि यहां से उत्खनित कोयले को वाहनों के माध्यम से अंतरराज्यीय व्यवसाय के रूप में बिकवाली करेंगे। यानी कि यहां से कोयला उत्तरप्रदेश, छत्तीसगढ़, इंदौर सहित अन्य बड़े नगरों की तरफ परिवहन किया जाएगा। वहीं कोयला के नियमित खनन से नाला का सम्बंधित स्थल अब ओपन कास्ट जैसा दिखने लगा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि यह कैसा खनन काम है जिसे रोकने न तो स्थानीय पुलिस और ना ही एसइसीएल के अधिकारी सामने आ रहे हैं। अवैध खनन वाले स्थल पर अब इतना गहरा खाईनुमा स्थल बन गया है कि यहां मवेशियों के लिए खतरा उत्पन्न हो गया है। वैसे तो इस नाले पर पूर्व में भी छुटभैय माफिया कभी कभी कोयला खनन का काम कर लिया करते थे, लेकिन यहां अब तक बड़े कोयला खनन माफियाओं की इंट्री हो चुकी है, जो नियमित शाम से रातभर मशीनरी का उपयोग कर कोयले का खनन कर रहे हैं।
सूचनाओं के बाद भी न तो वन विभाग न ही पुलिस की पड़ी दबिश
कोयला माफियाओं की दबिश ऐसी कि नाला के आसपास जेसीबी के माध्यम से कोयले का उत्खनन कर रहे हैं। और वाहनों से इसे ईट भ_े में खपा रहे हैं। ग्रामीणों ने बताया कि लंबे समय से यह अवैध कारोबार यहां संचालित हो रहा है। कई बार ग्रामीणों ने स्वयं इसकी सूचना पुलिस तथा राजस्व एवं वन विभाग को दी है। लेकिन कोई भी यहां कार्रवाई करने के लिए नहीं पहुंचा है। ग्रामीण बताते हैं कि शाम होते ही यहां पर कोयले का अवैध उत्खनन शुरू हो जाता है। जहां जेसीबी तथा बारूदी विस्फोट के जरिए कोयले की निकासी होती है। इसके कारण यहां पर गहरा खाइनुमा गड्ढा बन गया है। ग्रामीणों ने पुलिस अधीक्षक से इस अवैध कारोबार पर रोक लगाने की मांग की है। कोयले की वजह से शाम होते ही गांव में आवारा तत्वों का जमघट लग जाता है, जो शराब के नशे में धुत्त होकर ग्रामीणों के साथ भी अभद्रता करते हैं। जिसमें किसी अनहोनी का डर भी ग्रामीणों को सताता रहता है।
इनका कहना है कि:
थाना प्रभारी विकास सिंह का कहना है कि सूचना मिलेगी तो कार्यवाही करेंगे आप पत्रकार पता कर हमें भी बताए,
थाना प्रभारी विकास सिंह बिजुरी
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