मनेंद्रगढ़ जिले में राज्य माहिला आयोग अध्यक्ष डॉ किरण मयी नायक प्रथम बैठक में 65 वर्षीय पत्नी को पति 05 लाख रूपये देने को तैयार आवेदिका को पहली सुनवाई में सम्पत्ति का ऋण पुस्तिका दिलाया गया
मनेन्द्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर/13 मई 2025/छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरण मयी नायक ने आज छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग के कार्यालय मनेन्द्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर में महिला उत्पीडन से सबंधित प्रकरणों पर सुनवाई की आयोग की अध्यक्ष डॉ किरण मयी नायक की अध्यक्षता में जिला गठन के बाद जिला स्तर पर आज प्रथम सुनवाई एवं प्रदेश स्तर पर 312 वी सुनवाई की गई सुनवाई के दौरान मनेन्द्रगढ़ चिरमिरी-भरतपुर कलेक्टर डी. राहुल वेंकट एसडीएम श्री लिंगराज सिंदार, एडीशनल एसपी. अशोक वाडेगावकर एवं जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री शुभम बंसल उपस्थित रहें आज मनेंन्द्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर सुनवाई के दौरान महिला आयोग अध्यक्ष डॉ. किरण मयी नायक एवं मनेन्द्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर कलेक्टर श्री डी. राहुल वेंकट, एसडीएम श्री लिंगराज सिंदार, एडीशनल एसपी अशोक वाडेगावंकर एवं जिला कार्यक्रम अधिकारी शुभम बसल द्वारा बुजुर्ग महिला एथलिट्स 1 शकुन्तला सिंह उम्र 70 वर्ष 2. कमला देवी मगतानी उम्र 67 वर्ष 3. संजिदा खातून उम्र 55 वर्ष एवं 12वीं की छात्रा स्वाती मंगतानी को शॉल एवं श्रीफल देकर सम्मानित किया गया। सभी एथलिट्स इस उम्र में भी राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर पर सैकड़ों मेडल जीत कर प्रदेश के साथ-साथ देश का भी नाम रोशन कर रही है आज आयोग के सुनवाई के दौरान यह भी देखने मिला की जिस महिला को पति ने 14 साल पूर्व शासकीय रूप से मृत घोषित कर दूसरी विवाह कर लिया है जिसके खिलाफ शासकीय रूप से मृत आवेदिका स्वयं प्रस्तुत होकर अपना आवेदन आयोग अध्यक्ष डॉ. किरण मयी नायक के सामने प्रस्तुत किया और बताया कि उसका पति एसईसीएल का रिटायर्ड कर्मचारी है जो फर्जी तरीके से आवेदिका को मृत घोषित कर दूसरी महिला से शादी कर लिया है और शासकीय सेवा पुरितका में उस दूसरी महिला का नाम जोडा लिया है महिला की गोहार सुनते हुए आयोग अध्यक्ष ने प्रकरण तत्काल पंजीबद्ध कर आवेदन और समस्त दस्तावेज की कॉपी कलेक्टर एमसीबी के पास जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री शुभम बंसल एवं डीएसपी टी० टोप्पो के माध्यम से प्रेषित किया गया है ताकि तत्काल आवेदिका को न्याय मिल सके एवं जिस किसी भी कर्मचारियों के द्वारा आवेदिका का फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र जारी किया गया है उसके उपर तत्काल एफआईआर दर्ज करने की भी अनुशंसा किया गया है रिटायर्ड अनावेदक के खिलाफ एसईसीएल हल्दीबाड़ी में भी पत्र भेजकर अनावेदक का पेंशन पर भी रोक लगाने का कार्यवाही किया जायेगा। तथा आवेदिका जीवित होने की घोषणा सार्वजनिक कर तथा समस्त कार्यवाही की सूचना 02 माह के अंदर महिला आयोग को प्रस्तुत किया जावेगा आज की सुनवाई के दौरान उभय पक्ष ने बताया कि उनके बीच दिनांक 25 सितम्बर 2024 को सुलहनामा हो गया था जानकारी के आभाव पर उन्होंने महिला आयोग को सूचना देने में असमर्थ थे आज सुनवाई के दौरान सुलहनामा का आवेदन प्रस्तुत करने पर आयोग ने प्रकरण नस्तीबद्ध किया अन्य प्रकरण में आवेदिका ने बताया कि उसके पति द्वारा मारपीट कर घर से निकाल दिया गया है एवं भरण पोषण भी नहीं दिया जा रहा है। अनावेदक पहले चरचा कॉलरी में शासकीय नौकरी करता था वह 2018 में रिटायर हुआ रिटायरमेंट के बाद उसे 40 लाख रूपये मिला था जिसमें से 18 लाख रूपये अपने नाती के नाम पर बैंक में जमा कर दिया है और अपनी पत्नी आवेदिका को घर से निकाल दिया है जो काफी बीमार है जिसे भरण-पोषण भी नहीं देता है 65 वर्षीय आवेदिका अपनी बेटी के घर पर असहाय अवस्था में रह रही है। आवेदिका की दो बेटियां उपस्थित है और दोनों में आवेदिका के पक्ष में बयान दिया है और यह बताया है कि उनका पिता अनावेदक लगातार डंडे से मारपीट करता है और भरण-पोषण भी नहीं देता है अनावेदक के पास 15 लाख रू. बैंक में जमा है आयोग की समझाईश पर 05 लाख रू. अपनी पानी को देने के लिए तैयार है आगामी 15 मई 2025 को 05 हजार व 15 दिनों के अंदर 05 लाख रू. अपनी पत्नी को देगा। इस प्रकरण में प्रोटेक्शन ऑफीसर वित्तबाला श्रीवास्तव को निगरानी के लिए नियुक्त किया गया है उनके द्वारा प्रतिमाह 01 वर्ष तक नियमित निगरानी किया जायेगा अनावेदक द्वारा आवेदिका को प्रोटेक्शन अधिकारी के समक्ष पैसे दिया जायेगा इस दौरान उभय पक्ष की स्टाम्प में लिखा पढ़ी किया जायेगा भविष्य में अनावेदक के आचरणों ने सुधार की स्थिति में आवेदिका साथ में रह सकती है अगर अनावेदक भविष्य में दोबारा मारपीट करता है या अपनी पत्नी को भरण-पोषण देने से इंकार करता है तो आवेदिका ऐसी दशा में इस आर्डर शीट के आधार पर कुर्रता एवं प्रताड़ना की रिपोर्ट थाना चरचा में दर्ज करा सकती है प्रोटेक्शन आफीसर के रिपोर्ट प्राप्त होने के 01 वर्ष बाद प्रकरण मस्तीबद्ध किया जावेगा अन्य प्रकरण में आवेदिका ने अनावेदक के उपर छेड़छाड़ का शिकायत आवेदन की थी आवेदिका के पिता स्व. रमेश कुमार की 2021 में मृत्यु हुई थी तब से पैतृक संपत्ति और पारिवारिक संपत्ति का कोई हक आवेदिका को नहीं मिला था और अनावेदक आवेदिका के पिता का ऋण-पुस्तिका अपने पास जबरदस्ती अपने पास रखा हुआ था आज आयोग के समक्ष सुनवाई में अनावेदक ने आवेदिका के पिता स्व रमेश कुमार के नाम पर 2.25 एकड़ जमीन कुल 06 खसरा नंबर में होने की जानकारी के साथ ऋण पुस्तिका क्रमांक 0052343 को आवेदिका को दिया जिसके दस्तावेज की छायाप्रति अभिलेख में संलग्न किया जा गया और मूल ऋण-पुस्तिका आवेदिका को प्रदान किया गया आयोग द्वारा कुवारपुर उप तहसील के प्रभारी तहसीलदार महेन्द्र साहू से टेलीफोनिक चर्चा कर आवेदिका की मदद करने के लिए कहा गया, जहा आवेदिका फौती चढाने का आवेदन प्रस्तुत कर सकेगी इस कार्य के लिए जिला कार्यक्रम अधिकारी शुभम बसल की निगरानी में तारा कुशवाहा जिला मिशन समन्वयक मदद करेंगी, तथा जिला कार्यक्रम अधिकारी की निगरानी में आवेदिका के पक्ष में फौती नामांतरण होने के बाद प्रकरण नस्तीबद्ध किया जावेगा क्योकि इस बात की अतिरिक्त संभावना दिख रही है कि अनावेदक के द्वारा वास्तव में यह जमीन आवेदिका के पिता के नाम पर आज भी है या नहीं। यदि अनावेदक के द्वारा कही गई बात में से कोई बात झूठी साबित होती है तो अनावेदक के खिलाफ आवेदिका तत्काल एफआईआर दर्ज करा सकती है अन्य प्रकरण में आवेदिका द्वारा उसके बहन और उसके बच्चें के हत्या का आवेदन प्रस्तुत किया गया है जिसमें आज अनावेदक जो कि शासकीय शिक्षक है और विशेष ड्यूटि लगने की वजह से सुनवाई में अनुपस्थित है इस प्रकरण को दोबारा दिनांक 14:05:2025 को सरगुजा जिला के जिला पंचायत के सभाकक्ष में सुना जायेगा जिसकी सूचना अनावेदक को दूरभाष के माध्यम से दिया गया एवं आयोग द्वारा आर्डर शीट की कॉपी पुलिस अधिक्षक सरगुजा को भेजा जायेगा ताकि प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए एक एसआई के माध्यम से अनावेदक गणों को सुनवाई में जिला पंचायत सभाकक्ष अंबिकापुर में उपस्थित किया जा सकेगा अन्य प्रकरण में आवेदिका गण उपस्थित एवं अनावेदक गणों अनुपस्थित रहे अनावेदक द्वारा चेक राशि डिसऑनर होने के बाद आवेदिका गणों द्वारा धोखाधड़ी का शिकायत आवेदन दिया गया आवेदक गणों ने बताया कि आयोग के निर्देश के बाद अनावेदक चंदन गिरहा के खिलाफ एफ.आई. आर. 213 दिनांक 26.07.2024 को दर्ज हो गया है जिससे अब इस प्रकरण की कार्यवाही माननीय न्यायालय में सुनिश्चित हो चुका है एफ.आई.आर. की कॉपी अभिलेख में लगाकर प्रकरण नस्तीबद्ध किया गया











