शिक्षा विभाग में डाटा एन्ट्री आपरेटर की नौकरी दिलाने के नाम पर धोखाधड़ी एवं ठगी करने वाला आरोपी कोतवाली अनूपपुर पुलिस द्वारा गिरफ्तार
अनूपपुर नगर के कुछ युवक युवतियों को शिक्षा विभाग में बायोमेट्रिक डाटा एन्ट्री आपरेटर की नौकरी दिलाये जाने के नाम पर धोखाधड़ी एवं ठगी किये जाने की शिकायत मिलने पर पुलिस अधीक्षक अनूपपुर श्री मोती उर रहमान जी के द्वारा टी. आई. कोतवाली को शिकायत पर तत्काल संज्ञान लिया जाकर आरोपी के विरूद्ध कार्यवाही किये जाने हेतु निर्देशित किया गया। विजय तिवारी पिता उमेश कुमार तिवारी उम्र करीब 27 साल निवासी वार्ड न. 10 जैतहरी रोड, अनूपपुर के द्वारा आदर्श मिश्रा, अंजली मिश्रा, रोहित सिंह, संध्या सिहं एवं रामकिशोर सिहं के साथ थाना कोतवाली अनूपपुर पहुंचकर रिपोर्ट दर्ज कराई गई कि शहडोल जिले के नवागांव निवासी दिवाकर मिश्रा ने अनूपपुर जिले के कुछ शासकीय विद्यालयो में बायोमेट्रिक डाटा एन्ट्री आपरेटर के पद पर नौकरी दिलाई जाने के नाम पर भर्ती रजिस्ट्रेशन फीस और अन्य चार्ज बात कर रुपए ले लिए हैं। जो दिवाकर मिश्रा के द्वारा दी गई जानकारी पर विश्वास करते हुए बेरोजगार नवयुवक एवं नवयुवतियों ने रजिस्ट्रेशन फीस और सरकारी नौकरी दिलाये जाने के लिए कुल 50200 रूपये दे दिये जिसके कुछ दिनों बाद दिवाकर मिश्रा ने अपना मोबाइल फ़ोन उठाना बंद कर दिया और आगे चलकर फोन भी बंद हो गया जो धोखाधड़ी एवं ठगी के शिकार होने पर पुलिस में रिपोर्ट की गई, जिस पर थाना कोतवाली अनूपपुर में अपराध क्रमांक 491/24 धारा 318(4) बी.एन.एस. पंजीबद्ध किया गया। टी. आई. कोतवाली अरविन्द जैन के नेतृत्व में सहायक उपनिरीक्षक सुरेन्द्र सिहं, प्रधान आरक्षक शेख रसीद, महेन्द्र राठौर आरक्षक राजेंद्र अहिरवार ( साइबर सेल ) के द्वारा शहडोल जिले के थाना गोहपारू अंतर्गत ग्राम नवागांव से आरोपी दिवाकर मिश्रा पिता नरेन्द्र मिश्रा को गिरफ्तार कर थाना कोतवाली लाया गया है जिसका पुलिस रिमाण्ड लिया जाकर आरोपी से धोखाधड़ी एवं ठगी में लिये गये रूपये बरामद किये जाने हेतु आरोपी के सभी बैंक अकाउंट सीज करा दिए गए हैं । आरोपी दिवाकर मिश्रा द्वारा शहडोल जिले में भी कई युवाओं को शासकीय नौकरी दिलाये जाने के नाम पर धोखाधड़ी एवं ठगी किये जाने की जानकारी कोतवाली पुलिस को प्राप्त हुई है साथ ही दिवाकर मिश्रा के विरुद्ध थाना सोहागपुर जिला शहोडल में दर्ज धोखाधड़ी एवं ठगी का अपराध क्रमांक 325/22 धारा 420 भा.द.वि. माननीय न्यायालय में विचाराधीन है।