नो एंट्री पर ऊपरी लाभ लेकर छोड़े जा रहे वाहन, ट्रैफिक पुलिस की कार्यशैली सवालों के घेरे में
सी सी टीवी कैमरे की विजुअल से ट्रैफिक पुलिस की करनामें आ सकते हैं बाहर
अनूपपुर जिले की यातायात पुलिस इन दिनों पूरी तरह से बेलगाम हो चुकी है इन्हें अपने स्वयं के खाकीबर्दी की व देशभक्ति की चिंता तो दूर अपने विभाग एवं विभाग के जिम्मदारो के इज्जत का ध्यान नही है होता यह है कि घर का एक सदस्य कोई गलती करता है जवाब देही मुखिया की होती है ।
इसी तरह जिले के यातायात पुलिस के कारनामों की वजह से केवल विभाग के जिम्मेदार ही नही बल्कि पूरे पुलिस विभाग की ईमानदारी, कार्यशैली पर कालिख लग रहा है।
कारण की उच्च पद में बैठे होने के बाद यह बताना बिल्कुल उचित नही होगा कि यातायात पुलिस के काम क्या है? इनका कार्य करने का दायरा क्षेत्र क्या है।
जिले में अगर नगरीय क्षेत्र की व्यवस्था पर नजर डालें तो देखने को मिलेगा की आपके जिले की ट्रैफिक पुलिस कितना काम कर रही है।हम तो यह मानते हैं कि नगरीय क्षेत्र व्यवस्था पूरी तरह चौपट है और आपकी पुलिस कोतमा ,जैतहरी, राजेन्द्र ग्राम,के जंगलों के बीच सुबह 6 बजे से शाम 4 बजे तक चलानी कार्यवाही के नाम पर इंट्री वसूली जा रही है।
साहब इतना ही नही कम शब्दों में अगर आप अपने पुलिस की कार्यशैली एवं ईमानदारी को देखना चाहते हैं तो बहुत दूर नही विगत सप्ताह कलेक्टर आशीष बशिष्ठ के द्वारा लगातार हो रही दुर्घटनाओं को मद्देनजर रखते हुए मुख्यालय में पहले से चल रहे नो एंट्री के समय सारणी में बदलाव का आदेश जारी करते हुए सुबह 9 बजे की जगह 6 बजे से नो एंट्री का नया आदेश जारी किया गया है।
अगर यातायात पुलिस की इमानदारी देखना चाहते है तो उक्त जारी आदेश के बाद से आज तक का सुबह 6 बजे से 9 बजे के बीच पुलिस कंट्रोल रूम द्वारा लगाए गए कैमरे की जांच करा लें कि पॉइंट ड्यूटी में तैनात कर्मचारी के बाद कितने भारी वाहन आज तक मे निकले यह कहना बिल्कुल गलत नही होगा पॉइंट डयूटी में तैनात कर्मचारी प्रभारी के मिलीभगत के बगैर सौ पचास रुपये लेकर भारी वाहनो को पास कर देगा।
