कोल प्रबंधन द्वारा संतोष जनक काम ना करने के कारण श्रमिक संगठन के द्वारा किया गया आंदोलन का आगाज
अनूपपुर : कोतमा- भारतीय मजदूर संघ जमुना कोतमा क्षेत्र के द्वारा 25 दिसंबर को 25 सूत्रीय श्रमिक हितैषी मांग पत्र के साथ प्रबंधन को हड़ताल नोटिस देकर 9 से 14 जनवरी तक समस्त खानों में गेट मीटिंग एवं
15 जनवरी से धरना प्रदर्शन क्रमिक भूख हड़ताल एवं आवश्यकता पड़ने पर समस्त खदानों का कोल परिवहन बंद करने की जानकारी दिया गया था, जिस पर जमुना कोतमा क्षेत्र की प्रबंधन के द्वारा 27 दिसंबर को प्रबंधन ने महाप्रबंधक की अध्यक्षता में भारतीय मजदूर संघ के साथ बैठक कर मुद्दों पर चर्चा की गई महा प्रबंधक के द्वारा जन हितैषी मांग पत्र देखकर मांगों को माना गया, जिसमें जमीन से नौकरी में हो रही जन्मतिथि की समस्याओं पर गहन विचार करने के बाद एक महत्वपूर्ण निर्णय हुआ था, जिसे क्रियान्वित भी किया जा रहा है, परंतु संगठन के द्वारा यह जानकारी दी गई थी कि 9 जनवरी तक संतोषजनक कार्य न होने की स्थिति में संगठन अपना निर्धारित कार्यक्रम करने के लिए बाध्य होगा,परंतु आज दिनांक तक संतोष जनक कार्य न होने के कारण संगठन ने आंदोलन का आगाज किया जिसमें प्रथम चरण में आज सुबह भद्रा 7/8 खदान 9/10 खदान में क्षेत्रीय अध्यक्ष विजय सिंह एवं महामंत्री रोशन उपाध्याय जी के नेतृत्व में अनेकों पदाधिकारी के साथ द्वारा सभा की गई जिसमें अखिल भारतीय खदान मजदूर संघ के मंत्री एवं एसईसीएल कंपनी के कल्याण बोर्ड सदस्य महेंद्र पाल भी उपस्थित हुए,महेंद्र पाल सिंह ने बताया कि जमुना कोतमा क्षेत्र के अध्यक्ष महामंत्री ने जो भी निर्णय लिया है भारतीय मजदूर संघ कंपनी एवं केंद्रीय नेतृत्व उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है जरूरत पड़ने पर यह आंदोलन पूरे कंपनी में होगा, कंपनी के सिवा अगर आवश्यकता पड़ेगी तो यह आंदोलन पूरे कोल इंडिया में किया जाएगा, भारतीय मजदूर संघ के इस आंदोलन पर श्रमिकों का उत्साह चरम सीमा पर है भरपूर समर्थन भारतीय मजदूर संघ जमुना कोतमा क्षेत्र के श्रमिकों का मिल रहा है,जमुना कोतमा क्षेत्र की तरफ से विजय सिंह एवं केके तिवारी के द्वारा द्वारासभा को संबोधित किया गया,क्षेत्रीय अध्यक्ष विजय सिंह एवं महामंत्री रोशन उपाध्याय जी ने बताया की जमुना कोतमा क्षेत्र के श्रमिकों की समस्याओं के समाधान के लिए भारतीय मजदूर संघ प्रतिज्ञाबद्ध है और उनके साथ कंधे से कंधा मिलकर ईमानदारी से खड़ा है आवश्यकता पड़ने पर भारतीय मजदूर संघ हर परिस्थिति में किसी भी आंदोलन करने के लिए बाध्य होगा।